कैसे कहुं दिल की बाते,
मोहब्बत है तुमसे जताए कहांसे ?
देखकर कुछ भी कह नहीं पाता हुं मैं
अक्सर अकेलेमें गुनगुनाता हुं मैं
जाने को जी चाहता है
गुजरते हो तुम जहांसे वहांसे...
कैसे कहुं दिल की बाते...
अक्सर अकेलेमें गुनगुनाता हुं मैं
जाने को जी चाहता है
गुजरते हो तुम जहांसे वहांसे...
कैसे कहुं दिल की बाते...
ख्वाबो में आकर युं ना सतावो
कभी सामने से मिलने भी आओ
तुमको मिलाने ये मौसम भी
देखो सजने, संवरने लगा हे
कैसे कहुं दिल की बाते...
कभी सामने से मिलने भी आओ
तुमको मिलाने ये मौसम भी
देखो सजने, संवरने लगा हे
कैसे कहुं दिल की बाते...
- विजय रोहित (17//9/2017)
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